Estd: 7th July 1952
स्थापना 7 जुलाई 1952
1919-1995




गीता बजाज बाल मंदिर संस्थान में गीता बजाज बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल और गीता बजाज महिला शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय शामिल हैं जो दोनों मिलकर हमारे समाज की सबसे आवश्यक शैक्षिक ज़रूरतों को पूरा करते हैं.
हमारा इतिहास....
वर्ष 1952 की 7 जुलाई, गुरु पूर्णिमा का पुनीत पावन दिन था,जब श्रीमती गीता बजाज ने अपनी बहन के जयपुर के मोती डूंगरी इलाक़े के नायब जी का बाग स्थित मकान, जिसके एक छोटे से किराये के कमरे में वे अपनी नन्ही सी पुत्री के साथ रहती थीं ,की छत के नीचे समाज के दीन-हीन तबके के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के पवित्र कार्य का शुभारंभ किया. इस महान कार्य के लिए उन्होंने सबसे पहले जयपुर के मोती डूंगरी क्षेत्र में रहने वाले दिहाड़ी मज़दूरों के 4-5 नन्हे मुन्ने बच्चे चुने ,उन्हें नहलाया धुलाया और फिर क-ख-ग और 1- 2- 3 पढ़ाना शुरू किया. वस्तुतः यह एक नितांत साधन हीन शुरुआत थी। गीता जी के पास उनकी दृढ़ शिक्षा इच्छाशक्ति और कुछ कर गुज़रने के जुनून के अलावा कुछ भी तो नहीं था. जब इस अकेली महिला ने बाधाओं और परिणामों की परवाह किए बिना, स्वतंत्र भारत में एक समर्पित सामाजिक जीवन की लंबी एवं दुष्कर यात्रा की शुरुआत की, उस समय वे रवींद्रनाथ टैगोर के उस संदेश का यथावत एवं अक्षरशः अनुसरण करने की कोशिश कर रही थीं , जो टैगोर ने अपने प्रेरक गीत “एकला चलो रे” में दिया था.
गांधी जी द्वारा गीता दीदी को उनके पति गिरधारी लाल जी बजाज की असामयिक मृत्यु पर लिखे गए संवेदना पत्र से उन्हें जीने की हिम्मत मिली और इसी के शब्दों से प्रेरित हो कर उन्होंने बच्चों और महिलाओं की शिक्षा को अपने जीवन का ध्येय बना लिया...

आयोजन

Republic Day Celebrationsरवि, 05 अग॰Geeta Bajaj Bal Mandir Sansthan
Gandhi Jayanti Shivirशनि, 06 अक्टू॰Geeta Bajaj Bal Mandir Sansthan
Annual Functionसोम, 03 दिस॰Geeta Bajaj Bal Mandir Sansthan















